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स्लम से निकलकर IAS अफसर बनने की अनसुनी कहानी:उम्मूल खेर

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               स्लम से निकलकर IAS अफसर बनने की अनसुनी कहानी:उम्मूल खेर आज हम इस सीरीज के माध्यम से उस बेटी की बात करेंगे जिसने मुकद्दर को मात देकर सितारों से आगे अपना अलग मुकाम बनाया है आज हम बात करेंगे कि किस तरह से एक बेटी जो झुग्गी झोपड़ी से निकलकर यूपीएससी में सफलता का कीर्तिमान रच कर LBSNNA जैसी सपनों की मंजिल का सफर तय करती है जी हां दोस्तों आज की इस सीरीज में हम उम्मूल खेर के संघर्षों को बयां करेंगे।  यूपीएससी की परीक्षा 2016 में अपने पहले प्रयास में 420 वीं रैंक हासिल करके शानदार कीर्तिमान रचने वाली उम्मूल खेर का जन्म राजस्थान के पाली मारवाड़ में हुआ था वह बचपन से ही विकलांग पैदा हुई थी परंतु उन्होंने अपनी विकलांगता को बाधा ना मानते हुए मजबूती बनाते हुए लगातार एक के बाद एक सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गयी दुखद बात यह थी कि उम्मूल को विकलांगता के साथ बचपन से अजैले बोन डिसऑर्डर नामक  बीमारी हो गई थी जो आमतौर पर एक दुर्लभ बीमारी है जिसने अमूल के जीवन को और कठिन बना दिया था गरीबी तो उन्हें खैर विरासत में ही मिली थी।   ...

आईएएस बनने के लिये एक दिन में कितनी पढ़ाई है जरूरी?

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                   आईएएस बनने के लिये एक दिन में कितनी पढ़ाई है जरूरी? आईएएस जैसी कठिन परीक्षा पास करने के लिये कैंडिडेट को एक दिन में कम से कम 14 से 16 घंटे पढ़ना चाहिये. क्या है इस बात की सच्चाई? क्वांटिटी जरूरी है या क्वालिटी? जानते हैं - देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की आईएएस परीक्षा पास करने का ख्याल जब किसी कैंडिडेट के मन में आता है तो सबसे पहले सवाल उठता है कि किस प्रकार की तैयारियों की आवश्यकता उसे पड़ेगी. कहां से शुरू करें, स्टडी मैटीरियल कैसे मिलता है, सिलेबस कहां से देखें, कोचिंग कौन सी चुने आदि. और सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न दिमाग में आता है कि आईएएस बनने के लिये कितनी मेहनत करनी पड़ती है, कितने घंटे पढ़ना पड़ता है। सच तो यह है कि ऐसी चीजों का कोई मानक नहीं होता. हर कैंडिडेट की क्षमता, कांस्ट्रेशन पावर और आईक्यू लेवल फर्क होता है. इसके बावजूद आईएएस परीक्षा पास करने के लिये कुछ प्वॉइंट्स हर किसी के लिये जरूरी होते हैं जैसे कड़ी मेहनत, अनुशासित जीवन, निरंतर प्रयास, धैर्य और कुछ कर दिखाने की...